जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने शहाबुद्दीन की जमानत पर रिहाई के बाद घमासान मचाने वालों पर धारदार हमला करते हुए कहा है कि हर रोज दंगाई, घपलेबाज और हिंदू आतंकवादियों की रिहाई हो रही है लेकिन इस पर वे लोग खामोश रहते हैं.
अशफाक रहमान ने शहाबुद्दीन की रिहाई का स्वागत करते हुए कहा कि रिहाई के बाद शहाबुद्दीन ने कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे किसी नेता का सम्मान कम हुआ हो लेकिन आरएसएसवादी मीडिया ने शहाबुद्दीन के बयान के बाद इस मामले को इतना तूल दिया कि इससे स्टेट बनाम शहाबुद्दीन लड़ाई हो जाये.
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन ने रिहाई के बाद लालू प्रसाद को अपना लीडर बताया था और नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री बताया था.
अशफाक रहमान ने अपने बयान में कहा कि शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद मीडिया के एक हिस्से ने ऐसा पेश किया जैसे शहाबुद्दीन जमानत पर रिहा नहीं हुए बल्कि उन्हें जेल से भगा कर लाया गया हो.
अशफाक रहमान ने कहा इस बात पर हैरत जताते हुए कहा कि जब किसी मुस्लिम को फांसी हो तो आरएसएस, भाजपा जैसे संगठन को अच्छा लगता है लेकिन किसी मुस्लिम की रिहाई होती है तो उन्हें नहीं पचता.
अदालत की अवमानना
उन्होंने कहा कि एक तरफ संघ परिवार बाबरी मस्जिद को लड़ कर लेना चाहता है लेकिन दूसरी तरफ उसे अदालत पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा का यह रवैया न्यायपालिका की अवमानना है इसलिए अदालत को खुद इस मामले में इन संगटनों के खिलाफ नोटिस जारी करना चाहिए. अशफाक रहमान ने कहा कि भाजपा और संघ के लोग दर असल शहाबुद्दीन के बहाने कम्युनल कार्ड खेल रहे हैं जिसे मुसलमानों को समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संघ और संघवादी मीडिया को इस घिनौनी हरकत पर शर्म आनी चाहिए और साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरणों से मुसलमानों को अक्ल आनी चाहिए और उन्हें अपनी कयादत व अपनी सियासत को मजबूत करनी चाहिए.
मीडिया में उतरें मुसलमान
आरएसएसवादी मीडिया का जवाब देने के लिए अब मुसलमानों को मीडिया में उतरने की जरूरत पर जोर देते हुए अशफाक रहमा ने कहा कि मुसलमानों को अपनी मिलकियत के इल्कट्रानिक मीडिया के क्षेत्र में उतरने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि पूरे देश में मुसलमानों के खिलाफ मीडिया ट्रायल चलता रहता है.
उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन पर मीडिया ट्रायल के बहाने ये लोग पूरे मुस्लिम समाज पर मीडिया ट्रायल चला रहे हैं. उन्होंने याद दिलाया कि अमित शाह, सूरज भान सिंह, राजा भैया, आईपीएस डीजी बंजारा जैसे लोगों की रिहाई होती है तो उस पर मीडिया का मुंह तक नहीं कुलता लेकिन जैसे ही किसी मुस्लिम की बात आती है तो यही आरएसेसवादी मीडिया हायतौबा मचाने लगता है.
अशफाक रहमान ने कहा कि मीडिया और आरेसएस मिल कर मुसलमानों के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं.