राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के लिए शनिवार और रविवार की रात कयामत की रात साबित होने वाली है. इन दो रातों के बाद शहाबुद्दीन का ठिकाना फिर वहीं हो सकता है जहां वह ग्यारह वर्षों से थे.
एक तरफ चंदा बाबू की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शहाबुद्दीन की जमान को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे डाली है तो दूसरी तरफ बिहार सरकार की तरफ से उसके वकील ने भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी मकसद से याचिका दायर कर दी है.
दोनों मामलों की सुनवाई सोमवार को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने जिस तत्परता से इन याचिकाओं को स्वीकार किया है उससे यह इशारा मिलता है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट काफी गंभीर है. क्योंकि जैसे ही याचिका दायर करते हुए प्रशांत भूषण ने अपना पक्ष रखा और कहा कि शहाबुद्दीन के बाहर आने से इलाके में सनसनी और डर का माहौल है. भूषण इस मामले में कोई और दलील देते, उससे पहले ही मुख्य न्यायधीश ने निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.
उधर इस मुद्दे पर इंडिया टुडे से बात करते हुए शहाबुद्दीन ने कहा कि ‘ये कोर्ट का मामला है. कोर्ट ने ही मुझे जमानत दी है. अगर कोर्ट मुझे दोबारा जेल जाने के लिए कहता है तो मैं तैयार हूं. ये मेरे लिए मुद्दा नहीं है. आखिर क्यों नहीं मैं जेल जाऊंगा. मैं कानून का पालन करने वाला देश का नागरिक हूं.’
सोमवार को सुनवाई के बाद उसी दिन अदालत कुछ फैसला ले सकती है. यानी शनिवार और रविवार की रात शहाबुद्दीन के लिए अपनी रिहाई के बाद की कठिनतम रात साबित हो सकती है. अगर अदालत ने प्रशांत भूषण के तर्कों को स्वीकार कर लिया तो शहाबुद्दीन फिर जेल जा सकते हैं.
शहाबुद्दीन को बकरीद के तीन दिन पहले पटना हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा किया था. बकरीद की खुशी व जश्न के बाद उनकी जमानत को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करके सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की खुशी को तनाव में बदल दिया है.