राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ट्रिपल मर्डर मामले में बरी कर दिये गये हैं. 28 साल पहले कांग्रेस नेताओं को चलती कार में गोली मार दी गयी थी. जमशेदपुर की अदालत के इस फैसले के आते ही सोशल मीडिया पर शहाबुद्दीन समर्थक खुशी मना रहे हैं.
वहीं तिहरे हत्याकांड में सोमवार को सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को जमशेदपुर कोर्ट कोर्ट की ओर से बरी किए जाने के बाद पीड़ित परिजनों में मायूसी छा गई है. घटना में मारे गए तत्कालीन कांग्रेस नगर युवा अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा के परिजनों ने दुख जताया है कि पिछले पच्चीस सालों में कभी भी चश्मदीद गवाह बरमेश्वर पाठक की गवाही नहीं कराई गई.
गौरतलब है कि 02 फरवरी 1989 की शाम जुगसलाई में तत्कालीन युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा, जनार्दन चौबे व आनंद राव की गोली मारकर हत्या की गई थी.
घटना में शहाबुद्दीन का नाम शूटर के तौर पर उभरा था जिसे कथित तौर पर दबंग साहिब सिंह की ओर से हायर किए जाने की बात सामने आई थी. उस समय शहाबुद्दीन की कोई पहचान नहीं थी और वह सीवान की बजाये जमशेदपुर में रहा करते थे. इस हत्याकांड के बाद अचानक शहाबुद्दीन चर्चा में आये थे.
प्रदीप मिश्रा के अंगरक्षक ब्रह्मेश्वर पाठक ने केस दर्ज कराया था. इसमें सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के अलावा रामा सिंह, साहेब सिंह, कल्लु सिंह व पारस सिंह समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था. साहिब सिंह की मौत हो गई. वहीं रामा सिंह समेत दूसरे कई आरोपी बरी हो गए. लेकिन शहाबुद्दीन के पेश नहीं होने के कारण उनके खिलाफ मामला लंबित रह गया. सोमवार को में जमशेदपुर के एडीजे 4 अजीत कुमार सिंह की अदालत ने सोमवार को बरी कर दिया. फिलहाल शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद हैं. इस दौरान उन्हें विडियो कांफ्रेंसिग के जरिये पेश किया गया.
अदलात के इस फैसले से शहाबुद्दीन ने राहत की सांस ली होगी. उधर इस फैसले के सुनाये जाने के बाद सोशल मीडिया पर शहाबुद्दीन के समर्थक काफी खुशी का इजहार कर रहे हैं. सैफ सिवानी नामक युवा ने फेसबुक पर लिखा है कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन हार नही सकता.