शहाबुद्दीन मामले में हिंदुस्तान अखबार ने तथ्यात्मक झूठी खबर छाप कर अपनी विश्वसयता पर बट्टा लगा दिया है. तुर्रा यह कि यह झूठी खबर इस अखबार ने पटना एडिशन के पेज वन पर छापी है.
इस अखबार ने शहबाद्दीन की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में दी गयी चुनौती की खबर छापते हुए लिखा है कि शहाबुद्दीन पर पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या का आरोप है. हालांकि तथ्य यह है कि पत्रकार( राजदेव रंजन) की हत्या मामले में किसी ने भी शहाबुद्दीन को आरोपी नहीं बनाया है. इतना ही नहीं इस हत्या के तीन महीने बाद जब सिवान पुलिस ने चार्जशीट अदालत में दाखिल की उस चार्जशीट में भी शहाबुद्दीन को कहीं कोई जिक्र नहीं है.
सिवान पुलिस ने इस मामले की जांच के तीन महीने में निचली अदालत ने चार्जशीट दायर की थी. इसमें इसमें छह आरोपियों का नाम है. इन आरोपियों में लड्डन मियां, रोहित, सोनू, विजय, राजेश व रिशु का नाम शामिल है.
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लेकिन हिंदुस्तान ने दिल्ली व पटना डेटलाइन से 17 सितम्बर को जो खबर लिखी है उसमें लिखा गया है कि राजदेव रंजन की हत्या में शहाबुद्दीन पर आरोप है.
अखबार खबर लिखते समय इस बात पर कंफ्यूज है कि वह शहाबुद्दीन को ‘उनको’ या ‘उसको’ कह कर संबोधित करे. एक ही खबर में अखबार ने कुछ जगह शहाबुद्दीन को ‘उसको’ कहके संबोधित किया है तो दूसरी पंक्ति में ‘उनको’ कहके.