भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के बहाबुली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी को जनता दल यूनाइटेड के टिकट देने वाले बयान पर वह कायम हैं।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा मानहानि के मुकदमे की मिली नोटिस के जवाब में कहा गया है कि श्री मोदी अपने बयान पर कायम है कि श्री नीतीश कुमार मो. शहाबुद्दीन की पत्नी को जदयू में शामिल करके चुनाव में टिकट देना चाहते थे। शहाबुद्दीन को जमानत दिलाने में सरकार ने जिस तरह से मदद की और न्यायालय के समक्ष तथ्यों को रखने में कोताही बरती उससे भी श्री मोदी का आरोप प्रमाणित होता है।
श्री मोदी के अधिवक्ता ने कहा कि मो. शहाबुद्दीन की तरह ही राज्य की नीतीश सरकार ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी और राजद से निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव की जमानत का विरोध नहीं किया। इसका नतीजा यह हुआ कि उच्च न्यायालय से उसे जमानत मिल गई। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल (श्री मोदी) के लगातार दबाव बनाये रखने का परिणाम है कि सरकार ने इन दोनों की जमानत रद्द कराने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।
नोटिस के जवाब मे कहा गया है कि जदयू को आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों से कभी परहेज नहीं रहा। एक दबंग और बाहुबली छवि के व्यक्ति को टिकट देकर चुनाव लड़ाया गया और बाद में गठबंधन के नेता के दबाव में उन्हें पार्टी से निलंबित किया गया। अधिवक्ता ने कहा कि सरकार की खामियों को उजागर करना उनके मुवक्किल का नैतिक दायित्व है। ऐसे में अगर उन पर मुकदमा होता है तो उसका माकूल जवाब दिया जाएगा