बिहार के मंत्री शाहिद अली खान का आईएसआई या इंडियन मुजाहिदिन से रिश्ता होने के कोई प्रमाणिक सबूत के बिना राजनीतिक कोहराम मचा है जबकि ऐसे आरोप पूर्व सांसद शहाबुद्दीन पर भी लगे थे.
विनायक विजेता
उस तरह का राजनीतिक कोहराम वर्ष 2001 में क्यूं नहीं मचा जब सिवान के तत्कालीन सांसद मो. शहाबुद्दीन और उनके बहनोई और तत्कालीन मंत्री एजाजुल हक का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध होने के दस्तावेज दिल्ली पुलिस ने बिहार पुलिस को सौंपा था ?
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इस दस्तावेज और सबूत के अनुसार तब नेपाल में सक्रिय ‘जैन’ नामक एक आईएसआई एजेंट ने पटना आकर तत्कालीन मंत्री एजाजुल हक के सरकारी आवास पर एक गोपनीय मिटिंग की थी जिस मिटिंग में नेपाल के पूर्व मंत्री और नेपाल में आईएसआई के कर्ताधर्ता सलीम अंसारी, तत्कालीन सांसद मो. शहाबुद्दीन और कुख्यात अपराधी भूपेन्द्र त्यागी भी मौजूद थे.
इसी बैठक में केन्द्र की तत्कालीन बाजपेयी सरकार को अस्थिर करने के लिए तहलका के संपादक तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल की हत्या की योजना बनायी गई.
इस काम के लिए कथित तौर पर भूपेन्द्र त्यागी और उसके साथियों में तीन खेप में पांच एके-47, 8 पिस्टल, भारी मात्रा में कारतूस और एक बूलेट प्रूफ जैकेट की सप्लाई नेपाल में दी गई.
भूपेन्द्र के बयान क अनुसार आईएसआई से मिले अधिकांश हथियार तब उसने तत्कालीन मंत्री एजाजुल हक के पटना स्थित सरकारी आवास पर रख दिया था और एक एके-47, उसकी दो मेगजीन, 100 कारतूस, एक पिस्टल व उसकी दो मैगजीन और 50 कारतूस व बूलेट प्रूफ जैकेट के साथ टाटा सफारी गाड़ी से 27 अर्पल 2001 को दिल्ली पहुंच गया था.
भूपेन्द्र त्यागी अपने मकसद यानी तरूण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल की हत्या कर पाता इसके पूर्व ही लोधी कॉलोनी पुलिस ने इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर उसे हथियार और गाड़ी सहित गिरफ्तार कर लिया.
दिल्ली के लोधी कॉलोनी थाना में भादवि की धारा 120बी, 302, 124ए, 489बी एण्ड सी व 25 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर (154/2001) में अपने चार पन्नों के स्वीकारोक्ति बयान में तब भूपेन्द्र त्यागी ने कई चौंकाने वाले राज खोले थे. पर तब इन नेताओं का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध पर न तो कोई राजनीतिक कोहराम मचा न ही कोई पुलिसिया कार्रवाई हुई.