मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में सबसे ज्यादा चर्चा मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शिक्षा मंत्रालय से विदाई की रही। अन्य मंत्रियों के विभागों में फेरबदल को सामान्य फेरबदल के रूप में देखा जा रहा है, जबकि ईरानी को हटाने के पीछे कई वजहों की तलाश की जा रही है। ईरानी को शिक्षा मंत्रालय से हटाकर कपड़ा मंत्रालय में भेज दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ईरानी के परफॉर्मेंस से खुश नहीं थे। शाह और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को लगता था कि स्मृति के साथ जुड़ने वाले विवादों की वजह से मंत्रालय के काम पर असर पड़ता है। बुधवार को स्मृति ने अपना नया विभाग संभाल लिया है। इस दौरान मीडिया ने उनसे मिनिस्ट्री बदले जाने पर सवाल किए तो उन्होंने कहा- कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।
बताया जाता है कि पिछले साल बेंगलुरु में बीजेपी की नेशनल एग्जीक्यूटिव मीटिंग में शाह की स्मृति से नाराजगी साफ तौर पर नजर आई थी। ईरानी संघ को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही हैं। हालांकि आरएसएस ने कभी खुले तौर पर इसका जिक्र नहीं किया। अमित शाह को लगता था कि ईरानी ने कई विवादों को ठीक तरह से डील नहीं किया। इसकी वजह से सरकार को दिक्कतें भी हुईं। उधर चर्चा है कि बीजपी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में है। उन्हें अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रमुख प्रचारक बनाया जा सकता है।