केन्द्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि देश में विभिन्न चुनावों में शिक्षकों को ड्यूटी से छूट देने का निर्णय सरकार नहीं ले सकती है क्योंकि इस संबंध में फैसला लेने का अधिकार चुनाव आयोग को ही है। श्री प्रसाद ने आज राज्यसभा में कहा कि चुनावों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होने के बारे में जो चिंता व्यक्त की गयी है उससे सरकार चुनाव आयोग को जरूर अवगत करायेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनावों में सुधार के लिए कई कदम उठा रहे हैं और यह सुधार अभी पाईपलाइन में है। इसलिए चुनाव सुधार पर जब कभी सर्वदलीय बैठक होगी उसमें श्री शिवा को अपनी बात कहने का अवसर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में कर्मचारियों को ड्यूटी लगाने का अधिकार चुनाव आयोग को है। इसलिए शिक्षकों की ड्यूटी के मामले में आयोग ही फैसला ले सकता है।
इससे पहले विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने श्री शिवा के निजी विधेयक पर हस्तक्षेप करते हुए इस बात की असमर्थता जतायी कि चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के बारे में सरकार कोई फैसला ले सकती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के हित में सभी सरकारी कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी करनी पड़ती है इसलिए शिक्षकों को इससे छूट नहीं दी जा सकती है। लेकिन श्री शिवा श्री चौधरी के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और अपना विधेयक वापस न लेने पर अड़ गये तब विधि मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद को इस विधेयक के बारे में हस्तक्षेप करना पड़ा और कहना पड़ा सरकार श्री शिवा की इस चिंता से चुनाव आयोग को अवगत करायेगी। तब श्री शिवा सरकार के इस अाश्वासन को देखते हुए वह अपना निजी विधेयक वापस लेने पर राजी हो गये। चर्चा में भाग लेने वाले ज्यादातर सदस्यों ने श्री शिवा के इस विधेयक का समर्थन करते हुए चुनाव ड्यूटी से शिक्षकों को छूट दिये जाने की मांग की।