विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सरकार नियोजित शिक्षकों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। आज विधान परिषद में अपने कक्ष में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों के वेतनमान, स्थानांतरण और पेंशन के संबंध में कोई भी निर्णय सरकार को नीतिगत रूप से लेना है। इसके लिए शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की भी कोई जरूरत नहीं है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने पहले भी कई राज्यों में नियोजित शिक्षकों की स्थिति का अध्ययन करा चुकी है। इस संबंध में उसे अब निर्णय करना है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के बजाय लटकाए रखना चाहती है। नियोजित शिक्षकों ने स्कूलों में तालाबंदी की घोषणा की है, इससे पूरे स्कूल बाधित हो गए हैं। कॉपियों के मूल्यांकन, पढ़ाई और अन्य शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहे हैं। इस दौरान नवल किशोर यादव ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों को लेकर गंभीर नहीं है।