मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘सब पढ़ें, आगे बढ़ें’ के लक्ष्य की दिशा में और एक कदम आगे बढ़ते हुये आज कहा कि उच्च शिक्षा हासिल करने में सहयोग देने के लिए शुरू की गई स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत प्राप्त ऋण को चुकाने में यदि विद्यार्थी असमर्थ होंगे तो सरकार उसे माफ कर सकती है।
श्री कुमार ने यहां स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहयोग देने के उदेश्य से गठित बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम द्वारा स्वीकृत शिक्षा ऋण के ऑनलाइन हस्तांतरण कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सब पढ़ें और आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी शिक्षा ऋण को लौटाने में असमर्थ होंगे तो राज्य सरकार उसे माफ भी कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत विद्यार्थियों को चार लाख रूपये तक का ऋण चार प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। वहीं,महिलाओं, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को एक प्रतिशत ब्याज दर पर शिक्षा ऋण दिया जाएगा। पढ़ाई पूर्ण करने एवं नौकरी मिलने पर यह ऋण विद्यार्थी लौटा सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से सरल एवं सहज तरीके से अब विद्यार्थियों को ऋण उपलब्ध हो सकेगा। निगम के गठन के पूर्व सरकार ने बैंकों के माध्यम से विद्यार्थियों को ऋण दिलाने का काफी प्रयास किया। सरकार ने ब्याज सहित राशि की गारंटी दी, फिर भी बैंकों द्वारा विद्यार्थियों को ऋण उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था। राज्य सरकार अब अपने खजाने से विद्यार्थियों को वित्त निगम के माध्यम से शिक्षा ऋण उपलब्ध करा रही है ताकि वे आगे की पढ़ाई कर सकें।
श्री कुमार ने कहा कि यह ऋण तकनीकी शिक्षा के साथ ही स्नातक, स्नातकोत्तर सहित अन्य उच्च शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के लिए भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि बिहार से 10वीं (पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम के लिए) एवं 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए यह सुविधा मिलेगी ही। साथ ही पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड बोर्ड से उत्तीर्ण बिहार के विद्यार्थी भी इसका लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील करते हुये कहा कि बिना किसी भ्रम के राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठायें। छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों को भी इसका लाभ मिलता रहेगा।