मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि वित्तीय साक्षरता अभियान शिक्षा के लिए धन की कमी को पूरा करने में मददगार होगा। श्री जावडेकर ने नई दिल्ली में वित्तीय साक्षरता अभियान के अंतर्गत छात्र स्वयंसेवकों के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि शिक्षा के लिए बजट में सकल घरेलू उत्पाद का छह प्रतिशत दिए जाने के लिए कहा जाता है, लेकिन यह तभी संभव है जब सरकारी खजाने में पैसा आए। शिक्षा के लिए धन की इस कमी को वित्तीय साक्षरता अभियान पूरा करेगा। डिजिटल लेनदेन से कर वसूली बढ़ेगी और देश ईमानदारी के रास्ते पर बढ़ेगा।
उन्होंने वित्तीय साक्षरता अभियान में युवाओं की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि देश में बदलाव लाने वाले युवा ही होते हैं। आजादी के आंदोलन में भी युवाओं की बड़ी भूमिका थी और इस अभियान में भी युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि अब इम्तिहान शुरू होने वाले हैं लेकिन छुट्टियों में इस अभियान को चलाने में उनका फिर सहयोग लिया जाएगा।
श्री जावडेकर ने कहा कि इस तरह के सवाल किये जाते हैं कि फरवरी में पिछले साल दिसम्बर और इस साल जनवरी की तुलना में डिजिटल लेनदेन कम हुआ है लेकिन पिछले साल फरवरी में क्या स्थिति थी, इस बात को भूल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि देश अब नये रास्ते पर चल पड़ा है और बदलाव के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल 2500 करोड़ डिजिटल लेनदेन का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए प्रतिदिन आठ करोड़ डिजिटल लेनदेन होना चाहिए लेकिन मुझे विश्वास है कि युवाओं के सहयोग से यह इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।