मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के लिए उठाये गए 33 नए क़दमों का जिक्र करते हुए कहा है कि नयी शिक्षा नीति का ‘जीरो ड्राफ्ट’ (आधारभूत मसौदा) तैयार हो गया है और इस साल के अंत तक उसका अंतिम मसौदा आ जायेगा।
श्री जावड़ेकर ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की चार सालों की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाये गए हैं और 33 नए प्रयास किये गए हैं तथा80 संस्थानों को स्वायत्तता भी प्रदान की गयी है और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्यों को भी बढ़ावा दिया गया है। उनकी गुणवत्ता भी बढ़ाई गयी है और ‘सबको शिक्षा- अच्छी शिक्षा’ को ध्येय वाक्य बनाया गया है। इतना ही नहीं संप्रग सरकार के कार्यकाल में शुरू हुए कार्यक्रमों को भी मजबूत बनाया गया है और इन योजनाओं पर पहले से अधिक धन खर्च किया गया है।
उन्होंने चार साल की उपलब्धियों में लड़कियों के लिए अलग शौचालयों के निर्माण, लर्निंग आउटकम से लेकर शिक्षकों के प्रशिक्षण डिजिटल बोर्ड राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी और ई-पाठशाला भारतीय प्रबंधन संस्थाओं की स्वायत्तता नये आयी आयी टी के निर्माण आदि का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि नो डिटेंशन पालिसी को ख़त्म कर अगले साल से पांचवी और आठवीं की भी बोर्ड परीक्षा शुरू हो जायेगी और इसके लिए एक विधेयक संसद के मानसून सत्र में पारित हो जायेगा। इस सम्बन्ध में स्थाई समिति की रिपोर्ट आ गयी है। उन्होंने बताया कि 25 राज्य बोर्ड भी इन परीक्षाओं के पक्ष में हैं जबकि केवल चार ही असहमत हैं। अगले वर्ष मार्च में इन बोर्डों की पहली परीक्षा भी होगी।