मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को एक चुनौती बताया और कहा कि उनकी सरकार इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है । श्री कुमार ने शिक्षक दिवस के अवसर पर पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आज एक चुनौती है । शिक्षा में गुणवत्ता पर चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है। अमेरिका में भी इस पर चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि आज लोग इस मामले में बिहार की आलोचना करते हैं, लेकिन उनकी सरकार गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रयत्नशील है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है और यह उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता भी है । उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने इंटर टापर्स घोटाला को उजागर करने के लिए मीडिया को धन्यवाद दिया और कहा कि दोषियों पर कार्रवाई हो रही है, जो विश्व के लिए एक नजीर होगी। श्री कुमार ने कहा कि वह तो भरोसे पर चलते हैं, लेकिन एक बार भरोसा टूटता है तो उसकी खैर नहीं रखते हैं। इस घोटाले के उजागर होने से शिक्षा व्यवस्था में कमियों का पता चला और उसे सुदृढ़ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षा में धांधली की संभावना को वह समाप्त नहीं कर देते हैं, तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे। शिक्षा विभाग की भी यह प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेधा की जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए । इसलिए सरकार शिक्षा के क्षेत्र में हर पहलू पर गौर कर रही है और इसे चुनौती के रूप में लिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में कई काम हुये है, लेकिन अभी भी मीलों लम्बा रास्ता तय करना है ।