राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘लालटेन’ को सामाजिक संघर्ष तथा वंचित तबके के मान सम्मान का प्रतीक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इससे परेशानी हो रही है इसलिए वह उसका उपहास उड़ा रहे हैं ।
श्री तिवारी ने कहा कि श्री नीतीश कुमार चुनावी सभाओं में लालटेन का उपहास उड़ाते हुए कह रहे हैं कि गांव-गांव में अब बिजली आ गई है इसलिए बिहार में अब इसकी जरूरत नहीं है लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि जिस लालटेन को वह मात्र रोशनी का जरिया मानने की गलती कर रहे हैं वह सामाजिक संघर्ष और वंचित तबके के मान-सम्मान का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि सच यह है कि लालटेन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दे रहा है इसलिए वह परेशान और चिंतित हैं ।
राजद नेता ने कहा कि श्री कुमार ने जिन सांप्रदायिक ताकतों को देश से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था आज वह फिर से उन्हीं के साथ मिल गए हैं। जिस श्री नरेंद्र मोदी की राजनीति को वह सांप्रदायिक घृणा एवं नफरत आधारित मानते थे आज उन्हीं की वह आरती उतारने में मशगूल हैं ।
दूसरी ओर लालटेन अभी भी अपने रास्ते पर कायम है और सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंकने में लगा है। उन्होंने कहा कि श्री कुमार के नेतृत्व में ही सांप्रदायिक ताकतें बिहार में अपने पैर फैला रही है ।
श्री तिवारी ने कहा कि पिछड़े, अति पिछड़े, दलित, आदिवासी और महिलाओं को शोषण-अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए साम्प्रदायिक-फासीवादी ताकतों को परास्त करना श्री कुमार जरूरी मानते थे लेकिन वह उनके सामने डट कर खड़ा नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि श्री कुमार ने देश को जिनसे मुक्त कराने का संकल्प लिया था उन्हीं के सामने आत्मसमर्पण कर दिया लेकिन लालटेन तो अपनी जगह पर डटा हुआ है इसलिए जब तक उन ताकतों को परास्त नहीं कर दिया जाता है तब तक लालटेन की जरूरत बनी रहेगी ।