शैतानी टिप्पणी से 15 देश आक्रोशित, भारत की बढ़ी चिंता
भारतीय जनता पार्टी की नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की शैतानी टिप्णी से अरब वर्ल्ड में भड़का आक्रोश इंडोनेशिया से मालदीव तक फैल गया है।
इधर भारत सरकार अपने बचाव में सफाई देने में लगी है।
ईरान, कुऐत, कतर, बहरीन, सऊदी अरब, पाकितान, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, इराक के बाद इंडोनेशिया और मालदीव ने भ आधिकारिक तौर पर भारत के सामने अपना आक्रोश दर्ज कराया है। उधर कुऐत, बकह्रीं, कतार, सऊदी अरब के सुपर मार्केट आए भारतीय सामान को हटा दिया गया हक़ी।
ईरान, कुवैत, कतर और पाकिस्तान समेत कई देशों ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी के खिलाफ भारतीय राजदूत को समन किया.
(BJP) ने भले ही प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को सस्पेंड और नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया हो, लेकिन उनके खिलाफ देश और खाड़ी देशों में शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष भी बीजेपी पर हमलावर है और उन्हें जेल भेजने की मांग पर अड़ा हुआ है. सत्तारूढ़ दल को जहां घरेलू स्तर पर ज्यादा आलोचना का सामना करना पड़ा, वहीं इसका राजनयिक असर भी होता दिख रहा है. ईरान, कुवैत, कतर और पाकिस्तान समेत कई देशों ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी के खिलाफ भारतीय राजदूत को समन किया. जानिए दुनिया के कितने देशों ने टिप्पणी पर विरोध जताया है और किसने इंडियन प्रोडक्ट्स को बैन किया.
इन देशों में विरोध
ईरान
इराक
कुवैत
इंडोनेशिया
सऊदी अरब
संयुक्त अरब अमीरात
बहरीन
अफगानिस्तान
पाकिस्तान
जॉर्डन
ओमान
लीबिया
मॉलदीव
कतर
उधर
57 सदस्य वाले इस्लामी सहयोग संगठन ने भी की निंदा
पैगंबर मोहम्मद के बारे में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणियों पर मुस्लिम देश लगातार आपत्ति जता रहे हैं. रविवार को कतर ने सबसे पहले इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई थी, जिसके बाद से कुवैत, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान समेत करीब 15 देश भारत के सामने आपत्ति जता चुके हैं. 57 सदस्य वाले इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भी पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी की कड़ी निंदा की. ओआईसी ने संयुक्त राष्ट्र से भारत के मुसलमानों को अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी उपाय करने का भी आग्रह किया है.
कुछ अरब देशों ने अपने अपने सुपर स्टोर्स में इंडियन प्रोड
भारत सरकार का पक्ष
कूटनीतिक विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए कतर और कुवैत में भारतीय दूतावास के प्रवक्ताओं ने कहा कि राजदूतों ने इस बात को व्यक्त किया है कि “ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. ये हाशिए पर पड़े तत्वों के विचार हैं.”