जदयू नेता श्याम रजक का स्टिंग करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. पटना के कुछ पत्रकारों ने इसे ‘ भरोसे का खून’ बताया है तो स्टिंग करने वाले टाइम्स नाऊ के पत्रकार ने कहा है कि नेताओं मंत्रियों से फायदा उठाने वाले पत्रकार प्रश्न पूछने का साहस नहीं दिखा सकते.
गौरतलब है कि टाइम्स नाऊ के पत्रकार प्रशांत और उनके कैमरा सहयोगी इमरान ने श्याम रजक को अपने ही नेता नीतीश कुमार के खिलाफ बोलते हुए दिखाया था जिसमें वह नीतीश कुमार को सिद्धांतहीन नेता कह रहे हैं.
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इस घटना के बाद पटना के पत्रकारों ने बैठक कर आपत्ति जताई और कहा कि स्टिंग में चाय पीने के बहाने दिल्ली से आये एक पत्रकार जेडीयू विधायक के घर जाता है और उनसे पहले चाय पीने की बात करता है फिर नाश्ता आता है इसी दौरान अनौपचारिक बात शुरू होती है।इसी दौरान श्याम रजक ने कुछ ऑफ दी रिकॉर्ड बाते की जिसे तोड़ मरोड़ कर दिखाया गया।
पटना के सभी प्रमुख चैनल के पत्रकारों ने आज एनडीटीवी के दफ्तर में बैठक की।इस बैठक में मौजूद सभी पत्रकारों ने इस स्टिंग पर आपत्ति जताई। बैठक में सभी ने माना कि मीडिया में स्टिंग का चलन पुराना है पर यह स्टिंग एक प्रायोजित था। पत्रकारिता में सूत्र होता है जो महत्वपूर्ण अवयव है। सूत्र का नाम बताने की कोई ज़रूरत नहीं होती है। हर कोई कुछ बातें शेयर करता है जो बिल्कुल निजी होता है। हम सभी किसी न किसी के बारे में बात करते हैं । ये सबकी निजता होती है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।
अखबार या टीवी में पत्रकार आज़ादी मिली है उसका सम्मान हो । बैठक की अध्यक्ताष करते हुए एनडीटीवी के मनीष कुमार ने कहा कि यह मीडिया के लिए शर्मनाक है।ऐसी हरकत कर उक्त संवाददाता ने पूरी मीडिया को बदनाम किया है।जबकि एबीपी न्यूज़ के प्रकाश कुमार ने कहा इस मुद्दे को लेकर उचित फोरम में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
बैठक में रिपब्लिक टीवी के प्रकाश सिंह ने कहा कि यह भरोसे का खून है।जबकि जी न्यूज के ब्रजेश मिश्रा ने कहा कि ऐसी स्थिति में कोई अधिकारी और नेता पत्रकारों को घर मे नही घुसने देगा।बैठक में न्यूज़ 24 के अमिताभ ओझा और लाइव सिटीज के ज्ञानेश्वर ने कहा कि इस मामले को लेकर एनबीए में शिकायत की जानी चाहिए।बैठक में टेलीग्राफके दीपक मिश्रा, रमाशंकर मिश्रा, सहारा के आशुतोष,न्यूज 24 से सौरव,टाइम्स नाउ के श्याम सुशोभित ,आजतक के रोहित कुमार और कैमरामैन नदीम,दैनिक जागरण के भुवनेश्वर वात्स्यायन, शैलेश कुमार ,सूरज कुमार उपस्थित थे।
दूसरी तरफ टाइम्स नाऊ के पत्रकार जिनने यह स्टिंग किया है, फेसबुक पर अनेक सवाल खड़ा किया है. प्रशांत ने पत्रकारों द्वारा मीटिंग बुला कर इस स्टिंग को अनैतिक बताने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि कुछ पत्रकार नेताओं से लाभ उठाते हैं इसलिए उन्हें उनसे प्रश्न पूछने का साहस तक नहीं होता. प्रशांत ने अपनी इस स्टोरी को पूरी तरह से पेशागत ईमानदारी का काम बताया है.