भागलपुर जिले के सुलतानगंज में एक माह तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला आगामी 27 जुलाई से आरंभ हो रहा है और जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र गेरुआ वस्त्रधारी कांवरियों से पटने लगा है। जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। पूरे सावन मास तक चलने वाले इस मेले को विगत सप्ताह राज्य सरकार ने राजकीय दर्जा प्रदान किया है। इसे लेकर मेला क्षेत्र से जुड़े भागलपुर, बांका और मुंगेर जिला प्रशासन ने इस बार लाखों कांवरियों की सुविधाओं की मुक्कवल व्यवस्था की है। खास कर, सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
उत्तरवाहनी गंगा तट पर अवस्थित सुलतानगंज मे आयोजित श्रावणी मेला में देश के विभिन्न हिस्सों समेत पड़ोसी देशों से भी बड़ी संख्या में कांवरिया आते हैं। इस दौरान संपूर्ण मेला क्षेत्र गेरुआ वस्त्रधारी कांवरियों से पट जाते है और सर्वत्र ..हर हर महादेव.. एवं ..बोल बम.. के जयघोष से वातावरण भक्ति मय बन जाता है। मेले में आने वाले कांवरिये यहां गंगा का पवित्र जल अपने कांवर मे भरकर करीब एक सौ पांच किलोमीटर की दुर्गम पैदल यात्रा करते हुए झारखंड के देवघर मे बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।
कावंर यात्रा की एक खास विशेषता यह रहती है कि बड़ा-छोटा एवं अमीर-गरीब सभी का भेदभाव मिट जाता है। एक माह तक जारी इस विशाल मानव ऋंखला वाले मेले में आये कांवरियों के लिए जिला प्रशासन ने बिजली, पानी, सफाई एवं स्वास्थ्य की विशेष व्यवस्था की है। गंगा घाटों से लेकर झारखंड की सीमा से सटे इलाकों तक मे कच्ची सड़क, अस्थायी शिविर, चिकित्सा केंद्र, नियंत्रण कक्ष आदि का निर्माण कराया है।