राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राज्यपालों की समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया है कि राज्यपाल अपने राज्यों में विकास योजनाओं के समग्र कार्यान्वयन में एक सलाहकार की भूमिका निभाते हैं।
समिति ने ‘राज्यपाल- विकास के राजदूत : समाज में परिवर्तन के लिए एजेंटों के रूप में राज्यपालों की उत्प्रेरक भूमिका’ शीर्षक से रिपोर्ट आज श्री कोविंद को सौंपी है। समिति ने रिपोर्ट में बताया कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए राज्यपाल किस प्रकार एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाते हैं। राज्यपालों के 48वें सम्मलेन के दौरान पिछले साल अक्टूबर में इस समिति का गठन किया गया था। श्री कोविंद ने सम्मेलन में कहा था कि सहकारी संघवाद के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राज्यपालों द्वारा संविधान के परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण तथा जनता की सेवा और कल्याण में विरत रहने का आपका संवैधानिक दायित्व और भी अहम हो जाता है। आप सब केंद्र और राज्यों के बीच सेतु की भूमिका निभाते हैं।
इस समिति के सदस्यों में आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत शामिल थे। समिति का काम विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में राज्यपालों की भूमिका की जांच करें।