दादरी के अखलाक ने, न तो बीफ खाया था और न ही उसके फ्रीज में गोमांस था पर वह पीट कर मार डाला गया लेकिन तीन हजार संघी बीफ खा कर आरएसएस के साखा में जायेंगे और उन्हें कोई नहीं रोकेगा.
नौकरशाही डेस्क
टेलिग्राफ (लिंक क्लिक करके पढ़ें खबर) ने एक सनसनीखेज खबर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ(आरएसएस) के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य को कोट करते हुए लिखा है कि गोमांस खा कर भी लोग आरएसएस की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं क्योंकि खानपान पर कोई रोक नहीं है. वैद्य को यह कहते हुए अखबार ने उद्धत किया है. अखबार ने लिखा है कि मणिपुर में आरएसएस के तीन हजार प्रचारकों में से ज्यादातर गोमांस खाते हैं.
आरएसएस का अजीब दोहरा चरित्र है. हिंदी प्रदेशों में वह गोमांस पर प्रतिबंध की बात करता है. उत्तरप्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम को इस झूठे आरोप में पीट-पीट कर मार डाला जाता है कि उसने अपने घर में बीफ रखा था, जबकि यह बत गलत साबित हुई, लेकिन आरएसएस तो छोड़िये हरियाणा के संघी बैकग्राउंड के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कहते हैं कि बीफ खाने वाले को देश में रहने का कोई हक नहीं.
इतना ही नहीं भाजपा के एक विधायक संगीत सोम के बारे में तो यह बात जगजाहिर भी हो चुकी है कि उन्होंने बुच्चड़खाने का लाइसेंस तक ले रखा था.
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