सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से 23 दिसंबर तक बुलाने का निर्णय लिया है और इस दौरान संविधान सभा में संविधान अंगीकार किये जाने की स्मृति में दो दिन की विशेष बैठक होगी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की संसदीय मामलों की समिति की आज नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री एम़ वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर संविधान दिवस है और इस दिन सभा ने देश के संविधान को स्वीकृत किया था। इसकी स्मृति तथा संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के 125वीं जयंती वर्ष के सिलसिले में 26 और 27 नवंबर को दोनों सदनों की अलग-अलग विशेष बैठक करने का निर्णय लिया गया है।
श्री नायडू ने कहा कि इन दो दिनों में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता तथा बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान पर चर्चा होगी। दोनों दिन प्रश्नकाल नहीं होगा। शीतकालीन सत्र में सरकार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक, अचल संपत्ति विधेयक, भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने की कोशिश करेगी। दूसरी ओर बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की भारी पराजय से उत्साहित विपक्ष सरकार के खिलाफ तीखे तेवर अपनायेगा।