संसद पर हमले के दौरान अपनी जान की बाजी लगाकर देश की गरिमा को बचाने वाले शहीदों को आज भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। आज के ही दिन 2001 में आंतकियों ने संसद भवन पर हमला कर दिया था और बड़ी साजिश को अंजाम देना चाहा था। लेकिन हमारे जवानों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था। आज उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सहित अनेक नेताओं ने संसद पर हुए आंतकवादी हमले की 13वीं बरसी पर संसद भवन परिसर में शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
संसद भवन की भित्तिका में शहीद जवानों की तस्वीरों पर इन नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आदि उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि हम वर्ष 2001 में लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करने में अपने प्राण को न्योछावर करने वाले शहीदों को सलाम करते हैं। उनकी कुर्बानी ने हमारे दिलो-दिमाग पर अमिट छाप छोड़ी है।
लोकसभा अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन वह भी संसद भवन परिसर के अंदर ही थीं और अपने कार्यालय में कुछ काम कर रही थीं। आज भी उस दिन को याद करके वह सिहर उठतीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर एक भी आतंकवादी अंदर घुस गया होता तो हमें कितना नुकसान होता। उन्होंने कहा कि हमारे पास इन जवानों की सराहना के लिये शब्द नहीं है।