भारतीय जलसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई. इसकी गूंज आज भारतीय संसद में भी सुनाई पड़ी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्य सभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कुलभूषण पूरे देश का बेटा है. ये मुद्दा पक्ष-विपक्ष का नहीं है. इसलिए उन्हें हर कीमत पर बचाएंगे.
नौकरशाही डेस्क
इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुलभूषण जाधव के मामले को उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार को जाधव की जान बचानी चाहिए। अगर उन्हें फांसी होती है, तो यह सोचा समझा मर्डर होगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें नहीं बचा पाई, तो यह सरकार की कमजोरी होगी. इसके जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जाधव के पास वैलिड वीजा था, फिर वो जासूस कैसे हो सकता है. उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया. सरकार उन्हें बचाने का हर संभव प्रयास करेगी.
गृहमंत्री ने कहा कि जाधव बहुत पहले ही नौकरी छोड़ चुके थे. उनका बिजनेस था. वे इसी सिलसिले में ईरान आया जाया करते थे. उन्हें वहां से अगवा कर ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार दिखाया गया. वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पाक मिलिट्री कोर्ट को बनाना कोर्ट है, जहां वो बिना किसी सबूत के किसी को भी सजा दे देते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को अपने रसूख का इस्तेमाल कर जाधव को सुरक्षित वापस लाना चाहिए.
बता दें कि पाक आर्मी ने वहां की जेल में बंद भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है. पाक ने आरोप लगाया था कि जाधव भारतीय जासूस है. उन्हें 90 दिन में फांसी हो सकती है. पिछले साल जाधव के कथित कबूलनामे का एक वीडियो भी पाकिस्तान ने जारी किया था. इसके बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ रोष व्याप्त है. भारत ने पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को तलब किया है और उन्हें डिमार्शे (डिप्लोमैटिक डिमांड लेटर) सौंपा. इसमें कहा गया कि अगर सजा पर अमल होता है तो ये कानून के बुनियादी नियमों के खिलाफ सोचा-समझा कत्ल माना जाएगा.