राजधानी में बदरा भले ही झमाझम नहीं बरस रहे हों लेकिन चीन के साथ सीमा पर तनाव , कश्मीर के बिगड़ते हालात , किसान आंदोलन और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे मुद्दों पर विपक्ष सोमवार से शुरु हो रहे संसद के मानसून सत्र में सरकार पर जमकर बरसने को तैयार है, कुछ विपक्षी दलों के नेताओं और उनके परिजनों के ठिकानों पर सीबीआई , आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के छापों , गौ रक्षा के नाम पर पीट – पीट कर हत्या किये जाने की घटनाओं को भी विपक्षी दल जोर शोर से उठायेंगे। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखालैंड आंदोलन तथा राज्य में कुछ स्थानों पर दंगों की घटनाएं भी संसद में उठने की संभावना है।
कश्मीर में आतंकवाद की बढ़ती घटनायें विशेष कर अमरनाथ यात्रियों पर हुये हमले से देश के लोगों में नाराजगी के मद्देनजर विपक्ष सरकार पर तीखा हमला बोलने की तैयारी में है। वह सरकार पर पाकिस्तान के मामले में ‘ढुलमुल’ नीति अपनाने का भी आरोप लगाता रहा है । पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी में सरकार और राज्यपाल के बीच कथित टकराव का मुद्दे को लेकर भी इस सत्र के दौरान गहमागहमी रहने के आसार हैं। बजट सत्र में देश भर में एक कर व्यवस्था लागू करने संबंधी जीएसटी विधेयकों को मंजूरी दिलाने के बाद सरकार इस सत्र में कुछ अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी। इनमें राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित 123 वां संविधान संशोधन विधेयक , मोटर यान संशोधन विधेयक , बैंकिंग नियमन संशोधन विधेयक आदि प्रमुख हैं।