सरकार पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों से लेस करेगी और उनके लिए बेहतर कार्य का माहौल बनाया जाएगा। थानेदारों का स्थानांतरण भी एसपी की मनमर्जी से नहीं किया जाएगा। बल्कि इसके जायज कारण होना जरूरी है। सोमवार को पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने आइजी, डीआइजी और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि थानेदारों के तबादले लिए डीआइजी से अनुमति जरूर लें।
उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्यप्रक्रिया को प्रभावी और गतिशील बनाने के लिए जिलों में स्थापित पुलिस नियंत्रण कक्ष में और अधिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। अपराधी पर अंकुश रखने के लिए जिलों में 10 कुख्यात अपराधियों की लिस्ट बनायी जाये और उस पर निगरानी की जाए। अपराधियों पर सीसीए लगाने का प्रस्ताव भी राज्य मुख्यालय को भेंजे। उन्होंने थानों में लंबित मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इनके निबटारे के अनुसंधान में तेजी लायी जाए और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से मामलों का निबटारा किया जाए।
डीजीपी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नक्सली व आतंकी हिंसा के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती जाए। रेलवे के परिचालन और सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि खुफिया रिपोर्टों में हिंसा की आशंका जतायी गयी है। इसीलिए सुरक्षा भी हर स्तर पर बढ़ायी जानी चाहिए। नक्सल प्रभावित जिलों के अधिकारियों को इस मामले में विशेष एहतियात बरतने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने कहा कि महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति के उत्पीड़न के मामलों को शीघ्रता से निबटाया जाए। महिला और अनुसूचित जाति थानों में सुविधाएं बढ़ायी जाएं और पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती भी हो। उन्होंने कहा कि कानून व्यव्स्था से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है।
इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने अपनी तैयारी व कार्यप्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला और विश्वास दिलाया कि अपराध नियंत्रण और लंबित मामलों के निबटारे में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। इस दौरान एडीजी मुख्यालय गुप्तेश्वर पांडेय, एडीजी रेल केएल द्विवेदी भी मौजूद थे।
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