मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि 40 परिवार पर एक प्राथमिक विद्यालय होगा। तीन प्राथमिक विद्यालयों पर एक मध्य विद्यालय होंगे। इसी प्रकार राज्य के हर पंचायत में प्लस टू स्कूल स्थापित होगा। मुख्यमंत्री शुक्रवार को शिक्षक दिवस के मौके पर 14 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने बच्चों को कहा कि वे अपनी संस्कृति को नहीं भूलें तथा संस्कृति का सम्मान करें। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि अपनी मांगों के साथ-साथ राज्य सरकार के खजाने को भी जानें। वेतन वृद्धि को लेकर सरकार विचार कर रही है। लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं। अगर वे भी अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाने लगेंगे तो बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता स्वयं बढ़ जाएगी। इस मौके पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की। शिक्षा में अहम योगदान को लेकर सीएम ने शिक्षकों को 15 हजार रुपए, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पंचायत में +2 स्कूल खोलने के लक्ष्य को हर हाल में पूरा किया जायेगा और जिस मध्य विद्यालय के पास एक एकड़ जमीन होगी, उसे हाइस्कूल में अपग्रेड किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक सरकार के खजाने पर भी ध्यान रखें। शिक्षक खुद को मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में देंखे, तो असलियत सामने आयेगी।
श्री मांझी ने कहा कि आज प्राइवेट स्कूलों की भरमार हो गयी है अगर इनका अस्तित्व खत्म हो जाये, तो शिक्षा में गिरावट आ जायेगी। सौ में सिर्फ 10 शिक्षक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाते होंगे। बाकी के बच्चे निजी स्कूल में पढ़ते हैं। अगर सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ायेंगे, तो इससे समाज में बदलाव आयेगा। समारोह में शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल, गन्ना मंत्री रंजू गीता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, विशेष सचिव एचआर श्रीनिवास, प्राथमिक शिक्षा निदेशक मनीष कुमार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरबी चौधरी, उच्च शिक्षा निदेशक एसएम करीम समेत शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारी मौजूद थे।