ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित 18वें फिजीकॉन समिट 2018 का शुभारंभ शनिवार को पटना के ज्ञान भवन में बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री और विधान पार्षद डॉ अशोक चौधरी ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी एक अलटरनेट थेरेपी है, मगर आजादी के इतने साल बाद भी यह अब तक ऑर्गनाइज्ड सेक्टर से बाहर है.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने कहा कि 26 फरवरी से बिहार विधान सभा का सत्र शुरू हो रहा है, जहां हम इस मुद्दे को प्रमुखता से उठायेंगे और देश में फिजियोथेरेपी काउंसिल की स्थापना हो सके, इसके लिए हम केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखेंगे. ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ आर पी एस राणा ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य देश में लोगों को बिना दवा के दर्द की समस्या से निजात के लिए फिजियोथेरेपी के लिए जागरूकता लाना है.
उन्होंने ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरी डॉ जी. सुधारण के साथ देश में फिजियोथेरेपी काउंसिल की स्थापना की बात को प्रमुखता से रखा. उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की तरह फिजियोथेरेपी काउंसिल की भी स्थापना आज समय की मांग है. इसके नहीं होने से मरीजों और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.
वहीं, दो दिवसीय फिजीकॉन समिट 2018 में ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन की ब्रांड एंबेस्डर और मिस इंडिया यूनिवर्स 2017 नीतू खोसला ने डॉ दीप प्रिया को मिस फिजियोथेरेपिस्ट चुना और उन्हें सम्मानित किया गया। तो देशभर के 20 डॉक्टरों को फिजियोथेरेपी चिकित्सा में अहम योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा फिजीकॉन समिट 2018 के पहले दिन डॉ एस के संथिल, डॉ हरिशंकर वर्मा राजा और डॉ उषमा गोरदिया (यूएसए) ने फिजियोथेरेपी चिकित्सा पर अपना प्रजेंटेशन दिया। बाद में ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के चेयर मैन ए के सोनी ने सबका धन्यवाद ज्ञापन किया.