जांच एजेंसियों ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है कि कानपुर ट्रेन हादसे को आईएसआई एजें मोटी पासवान व उसके गुर्गों ने अंजाम दिया था . 20 नवम्बर को हुए इस हादसे में 156 लोगों की जान चली गयी थी.
मोती पासवान बिहार के पूर्वी चम्पारण का रहने वाला है.
इस ट्रेन हादसे की साजिश रचने और अंजाम देने में मोती पासवान के तीन और सहयोगियों की भी गिरफ्तारी हुई है. इनमें बडजकिशोर, मुजाहिदीन अंसारी शंभू गिरि को नेपाल से दबोचा गया है. मोती ने जांच एजेंसियों को बताया है कि इस हादसे को अंजाम देने के लिए उसे दो लाख रुपये मिले थे.
मोती पासवान की गिरफ्तारी हो चुकी है और इस मामले में तहकीकात के लिए एनआईए, रॉ और आईबी की टीम मोतिहारी में डेरा जमा चुकी है. मोतिहारी के एसपी जीतेंद्र राणा का कहना है कि मोती पासवान से कई सुराग हाथ लगे हैं. बकौल एसपी पासवान ने इस ट्रेन हादसे की साजिश के बारे में काफी अहम सुराग दिये हैं.
पूछताछ में जांच एजेंसियों को पता चला है कि नेपाली नागरिकता प्राप्त शमशुल होदा ने इस हादसे की साजिश दुबई में रची थी.
जांच एजेंसियों का दावा है कि मोती पासवान के साथ कानपुर ट्रेन विस्फोट में ज्याउर और जुबैर नामक दो युवक भी थे. इन दोनों की पहचान का खुलासा भी मोती पासवान ने किया है. जांच एजेंसियों का दावा है कि इस विस्फोट के लिए आईएसआई ने 20 लाख रुपये खर्च किये थे.
शमशुल होदा ने नेपाल के बृजकिशोर गिरी के माध्यम से बेरोजगार युवाओं की टीम बनायी थी. मोती पासवान का नाम इससे पहले पूर्वी चम्पारण के घोड़ासहन में रेल ट्रैक को उड़ाने की नाकाम कोशिश भी आया था.