मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पृथ्वी की रक्षा को सर्वोपरि बताते हुये आज कहा कि इससे न केवल स्वयं की बल्कि आने वाली पीढ़ी की भी रक्षा होगी। श्री कुमार ने यहां ‘बिहार पृथ्वी दिवस’ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि पृथ्वी की रक्षा करने से न केवल स्वयं की बल्कि आने वाली पीढ़ी की भी रक्षा हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि यदि विश्व में पर्यावरण का संतुलन कायम नहीं किया गया तो पृथ्वी पर रह रहे लोगों के जीवन को खतरा है। उन्होंने मौसम के बदलते रुख पर चिंता जाहिर करते हुये कहा कि बिहार इससे पीड़ित है और यहां वर्षा हो या न हो लेकिन बाढ़ तो आ ही जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड से अलग होने पर बिहार का हरित आवरण नौ प्रतिशत से भी कम हो गया था। हालांकि इस विषय पर अध्ययन के बाद पाया गया कि बिहार की परिस्थिति को देखते हुये यहां अधिकतम हरित आवरण 17 प्रतिशत तक हो सकता है। इसके मद्देनजर वर्ष 2012 से 2017 तक 15 प्रतिशत हरित आवरण का लक्ष्य हासिल करने का संकल्प लिया गया।
श्री कुमार ने कहा कि राज्य में अबतक 18 से 19 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं और उसका सर्वेक्षण भी कराया जा रहा है। उन्हें विश्वास है कि हरित आवरण के 15 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा। इस लक्ष्य में और दो प्रतिशत की बढ़ोतरी करनी होगी। इसके लिये लोगों को जागरूक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी संस्थानों में पौधे लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि वह रक्षाबंधन के दिन वृक्षों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं।