देसी कहावत है कि बूढ़े तोते को प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता लेकिन कहा यह भी जाता है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. ऐसे में मुख्यमंत्री जीतन मांझी अगर कम्प्युटर सीखें तो क्या होगा?
बिहार ब्यू्रो प्रमुख
इसी बात के मद्दे नजर बिहार के मंत्रियों के लिए कम्प्युटर प्रशिक्षण पर बल दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आज पटना में राज्य के मंत्रियों के लिए कम्यूटर उन्मुखीकरण कार्यशाला में कहा कि कम्यूटर की ट्रेनिंग की सबसे ज्याय जरूरत हमें है। हम कंप्यूूटटर शिक्षा लेने की कोशिश कर रहे हैं। पर सवाल है कि क्या इस उम्र में वह कम्प्युटर सीख सकते हैं?
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए सीएम ने कहा कि इस प्रशिक्षण से यह भी संदेश जाएगा कि अब डिजिटल होना बहुत जरूरी हो गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे बहुत सारे मंत्री डिजिटली अपडेटड हैं, वह उसका इस्तेममाल भी करते हैं। इसका इस्तेमाल प्रशासिनक पारदर्शिता और कार्यों के निषपादन के लिए हो, हमारी यह अपेक्षा भी है।
इस मौके पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री शाहिद अली खान ने कहा कि इ-गवर्नेंस के लिए इस प्रकार की प्रशिक्षण कार्यशाला मील का पत्थिर साबित होगी। इस मौके पर प्रशिक्षण के आयोजक नाइलेट के प्रभारी निदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि प्लानिंग और मॉनिटरिंग के अधिक सक्षम, गतिशील और प्रभावी बनाने में यह प्रशिक्षण कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया को कार्यरूप में देने के लिए नाइलेट लगातार प्रशिक्षण व उन्मुखीकरण कार्यक्रम चला रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से नाइलेट ने किया है। मंत्रियों के लिए आयोजित इस प्रशिक्षण शिवर के उद्घाटन मौके पर सिर्फ नौ मंत्रियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।
उद्घाटन के बाद ही कई मंत्री प्रस्थान भी कर गए। उपस्थित मंत्रियों में महाचंद्र प्रसाद सिंह, दुलालचंद गोस्वारमी, विनोद प्रसाद यादव, दामोदर रावत, वैद्यनाथ सहनी, वृषण पटेल, सम्राट चौधरी, शाहीद अली खान और नौशाद आलम शामिल थे।