बिहार भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि इंटरमीडियेट टॉपर्स फर्जीवाड़े में ही सिर्फ योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं किया गया है, बल्कि सबौर कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में भी बड़े पैमाने पर धांधली कर अयोग्य अभ्यर्थियों की बहाली की गयी है ।
भाजपा विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना में कहा कि वर्ष 2011 में निकाले गये विज्ञापन के तहत सबौर कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में कुल सौ अंक निर्धारित किये गये थे, जिसमें 80 अंक अकादमिक रिकार्ड, दस अंक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेंशन तथा दस अंक साक्षात्कार के लिये रखे गये थे । उन्होंने कहा कि नियुक्ति के समय विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति मेवालाल चौधरी थे, जो वर्तमान में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के विधायक हैं ।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अभ्यर्थी को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देने के लिये नहीं कहा गया और इसके बावजूद चहेते अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने के लिये मनमानी ढंग से अंक दे दिये गये । उन्होंने कहा कि जिन अभ्यर्थियों का अकादमिक रिकार्ड काफी खराब था, उन्हें भी साक्षात्कार और पावर प्वाइंट प्रेंजेंटेशन में सौ प्रतिशत अंक दिये गये ताकि वे चयनित हो सके । श्री मोदी ने प्रमाण देते हुए कहा कि डा0 विपिन बिहारी सिंह जो एग्रीकल्चर एक्सटेंशन में फर्स्ट टॉपर थे, उन्हें पावर प्वाइंट प्रेंजेंटेशन में दशमलव एक और साक्षात्कार में भी दशमलव एक अंक दिये गये । उन्होंने कहा कि इसी तरह नित्या चंद्रण, जिनका अकादमिक रिकार्ड काफी खराब था उन्हें लाभ पहुचाने के लिये पावर प्वाइंट प्रेजेंटेंशन तथा साक्षात्कार में शत प्रतिशत दस -दस अंक दिये गये । इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि किस हद तक नियुक्ति में धांधली की गयी है ।