मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला अधिकारों की रक्षा में राज्य के योगदान का उल्लेख करते हुये आज कहा कि करीब 2500 वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध ने संघ में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी, जो महिला सशक्तीकरण की दिशा में अब तक किये गये प्रयासों का सर्वाधिक प्राचीन उदाहरण है।
श्री कुमार ने पटना में सिक्खों के दसवें गुरू गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव में देश-विदेश से अधिक से अधिक लोगों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से आज से शुरू हुये अंतर्राष्ट्रीय सिक्ख सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि बिहार सभी धर्मों एवं संस्कृतियों को प्रश्रय देने वाली धरती रही है। यहीं के वैशाली में महात्मा बुद्ध ने पहली बार संघ में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी, जो महिलाओं के अधिकारी की रक्षा एवं उनके सशक्तीकरण के लिए अब तक हुये प्रयासों का सर्वाधिक प्राचीन उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में दुनिया भर से आये विद्वानों, विचारकों एवं अन्य गणमान्यों को पटना के अलावा बिहार के अन्य स्थलों पर जाने के लिए आमंत्रित करते हुये कहा कि अन्य धर्मों के साथ-साथ सिक्ख समुदाय के लिए राजगीर का विशेष महत्व है। वहां सिक्ख धर्म के संस्थापक एवं पहले गुरू नानक देव जी ने वास किया था। राजगीर में गर्म कुंड के बगल में उनका वास था जहां आज ठंढे जल का कुंड है। श्री कुमार ने कहा कि बिहार में पहली बार आयोजित हुये अंतर्राष्ट्रीय सिक्ख सम्मेलन से बिहार की धरोहर माने जाने वाले प्रेम-भाईचारा और साम्प्रदायिक सौहार्द्र का संदेश पूरी दुनिया में पहुंचेगा। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूूद थे।