भाजपा कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बिहार का कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ता तपाक दे कहेगा- 160 । सही भी है। एनडीए के चार घटक दलों की बैठक में यही घोषणा की गयी थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ बैठक में घोषणा की गयी थी कि भाजपा 160, लोजपा 40, रालोसपा 23 और हम 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पांचवें चरण के नामांकन के अंतिम दिन आते-आते भाजपा तीन सीट गवां चुकी थी।
वीरेंद्र यादव
अंतिम रूप से भाजपा 157, लोजपा 42, रालोसपा 23 और हम 21 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। सीटों के बंटवारे से लेकर नामांकन तक भाजपा को तीन सीटों का नुकसान हुआ, जबकि लोजपा व हम को तीन सीटों का लाभ। इस लाभ-हानि में तय कर पाना मुश्किल है कि किन सीटों पर खेल गड़बड़ाया। क्योंकि एनडीए ने सिर्फ सीटों की संख्या की घोषणा की थी, सीटों के नाम की घोषणा कभी नहीं की। इसी पेंच की वजह से पांचों चरणों में नामांकन के दिन तक सीटों पर संशय बरकरार रहा।
सीट पर बना रहा संशय
एनडीए में सीटों को लेकर शुरू से ही संशय रहा। इस मामले में भाजपा की मनमानी को लेकर कई बार सहयोगियों ने नाराजगी भी जतायी। इसके बावजूद भाजपा तीन सीटों का नुकसान बर्दाश्त करने को तैयार रही, यह आश्चर्यजनक है। भाजपा ने औपचारिक रूप से हम के अनुशंसित 4 उम्मीदवार को टिकट दिया, जबकि एक को टिकट नहीं दे सकी। ‘सीट घोटाले’ में अंदर की स्थिति क्या थी, यह एनडीए के नेता ही जानें, पर इतना तय है कि सीट ‘हड़पने’ की लड़ाई में कुछ सीटों पर एनडीए उम्मीदवार को लेकर अंतिम संशय बना रहा और कार्यकर्ता भी असंमजस में रहे।