बिहार सरकार ने आज कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण त्वरित गति से किया जा रहा है ताकि आम लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जा सके। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधान परिषद् में जनता दल यूनाईटेड के रामचन्द्र भारती के एक तारंकित सवाल के जवाब में कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण त्वरित गति से किया जा रहा है तथा आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है ताकि लोगों को शीघ्र आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जा सके। इसके अलावा अन्य कई कदम उठाये जा रहे हैं।
श्री पांडेय ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 533 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,1366 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 9949 स्वास्थ्य उप केन्द्र एवं कुल 81 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चल रहे हैं। इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित कुल 9949 स्वास्थ्य उप केन्द्रों में से 3422 किराये के भवन में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राशि एवं जमीन की उपलब्धता के आधार पर स्वास्थ्य उप केन्द्र का निर्माण किया जाता है तथा स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में 411 स्वास्थ्य उप केन्द्रों को हेल्थ एंड वेलनेश सेंटर में उत्क्रमित तथा 232 नये हेल्थ एंड वेलनेश सेंटर के निर्माण का प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास भेजा गया है। श्री पांडेय ने श्री भारती के ही एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य में तीन वर्षों से क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू है। इसके तहत निबंधन किया जा रहा है लेकिन 24 मई 2016 को पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में बिहार चिकित्सा सेवा संघ (भासा) के सदस्यों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई किये जाने पर रोक है।