बिहार में अब नीतीश कुमार के बाद सबसे ज्यादा चर्चा किसी की हो रही है तो वह हैं प्रशांत किशोर। जदयू के नये ब्रांड का नाम है प्रशांत किशोर। उन्होंने सत्ता और जदयू का ऐसा घालमेल किया कि जदयू वालों के लिए ही पार्टी और सरकार में अंतर करना मुश्किल हो गया है।
वीरेंद्र यादव
फिलहाल बिहार में दो व्यापक अभियान चल रहा है। पहला है सरकार का ‘बढ़ चला बिहार’। जबकि दूसरा है जदयू का ‘फिर एक बार नीतीश कुमार’। दोनों के केंद्र में हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। इन दोनों के संचालक हैं प्रशांत किशोर। प्रशांत ‘बढ़ चला बिहार’ अभियान को लीड कर रहे हैं। इनकी पूरी टीम अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाने का ठेका ले रखा है। इसके लिए सूचना और जनसंपर्क विभाग नोडल एजेंसी है, जो अभियान के लिए राशि का भुगतान करेगा। इसके बजट की कोई सीमा अभी तय नहीं है।
सरकार और पार्टी का भेद खत्म
यही प्रशांत किशोर ‘फिर एक बार नीतीश कुमार’ कंपेन को भी लीड कर रहे हैं। अलग-अलग नामों से इस कंपेन को विभिन्न चरणों में पूरा किया जाएगा। पार्टी ने शुक्रवार को अपने कार्यकर्ता सम्मेलन में इसकी औपचारिक घोषणा भी की। प्रशांत का परिचय भी कराया गया। इसके साथ चुनाव प्रचार अभियान की कमान उन्हें सौंपी गयी। सूत्रों ने बताया कि इस काम के लिए प्रशांत किशोर को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। इस अभियान का पारिश्रमिक को ‘बढ़ चला बिहार’ में ही एडजस्ट किये जाने की संभावना बतायी जा रही है। सरकारी खर्चे पर राजनीतिक कार्यक्रमों के कुशल संचालन का इससे बढि़या कोई उदाहरण नहीं हो सकता है। इसका अनुभव भी बिहार की जनता करेगी।
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