बिहार सरकार ने आज कहा कि भागलपुर जिले में हाल में प्रकाश में आये सरकारी राशि के गबन का मामला अब 302 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और इस मामले में दोषियों के खिलाफ तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है ।
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने पटना में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चार अगस्त को भागलपुर में सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया था और इसकी जांच का जिम्मा बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को दिया गया है । उन्होंने कहा कि जांच के दौरान जुटाये गये तथ्यों से यह पता चलता है कि 302.70 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का गबन किया गया है । श्री सिंह ने कहा कि भागलपुर जिले में विभिन्न बैंकों के सरकारी खाते में भू-अर्जन, नगर विकास और जिला प्रशासन की राशि जमा करायी गयी थी, लेकिन इसे फर्जी तरीके से निकासी कर स्वयंसेवी संस्था सृजन महिला समिति के खाते में जमा करा दिया गया । उन्होंने कहा कि चार अगस्त को एक चेक के अमान्य किये जाने पर यह मामला सामने आया और जिला प्रशासन ने इसकी जांच अपने स्तर से करायी थी ।
श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, लघु सिंचाई, भवन निर्माण और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग की समीक्षा भी की । उन्होंने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सिंचाई के लिए सरकारी नलकूपों को चलाये जाने की जिम्मेवारी स्थानीय समूह या वहां के युवकों को दिया जायेगा। श्री सिंह ने कहा कि पटना में अबुल कलाम साइंस सिटी, दरभंगा में तारामंडल और गया में भी सब रिजनल साइंस सेंटर की स्थापना की जायेगी ताकि युवाओं में विज्ञान के प्रति जागरुकता पैदा की जा सके।