राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अवॉर्ड ‘एनएससीआई सेफ्टी अवॉर्ड-2016’ के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंगारु दत्तात्रेय ने कहा कि केंद्र सरकार कामगारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. श्रम कानूनों में व्यवस्थागत सुधार लाने के लिए केंद्र ने एक प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सरल करने के लिए उनको 4 कोड में वर्गीकृत और एकीकृत किया गया है.
नौकरशाही डेस्क
दत्तात्रेय ने कहा कि ये हैं वेतन के कोड, औद्योगिक संबंधों के कोड, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के कोड और सुरक्षा और कार्य की स्थिति को लेकर हैं. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संस्थान का संस्थापक सदस्य होने के नाते भारत ने श्रम मानदंडों को तैयार करने और लागू कराने में अहम योगदान दिया है. अब तक भारत ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संस्थान के 45 संधीपत्र और 1 प्रोटोकॉल को अंगीकार किया है. सरकार ने 2009 में कार्यस्थल पर पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण को लेकर राष्ट्रीय नीति की घोषणा की है. उसके बाद से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान और तकनीक, व्यापार और उद्योग, वित्त और पर्यावरण के क्षेत्र में कई विकास हुए हैं. इस वजह से राष्ट्रीय नीति के समीक्षा के लिए अंतर मंत्रालय समिति का गठन किया गया है.
इससे पहले केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंगारु दत्तात्रेय द्वारा कुल 70 संस्थाओं को 4 अलग-अलग श्रेणियों- सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा पुरस्कार, श्रेष्ठ सुरक्षा पुरस्कार, सुरक्षा पुरस्कार और प्रशंसा पत्र में सम्मानित किया गया. इसके अलावा निर्माण क्षेत्र की संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया. उत्पादन क्षेत्र में आईओसीएल- डिगबोई रिफाइनरी, राष्ट्रीय खाद निगम, पानीपत और एनपीसीआईएल, कैगा जेनरेटिंग स्टेशन 3 और 4, कैगा, कर्नाटक को क्रमश: ग्रुप-ए, ग्रुप-बी और ग्रुप-सी में जबकि निर्माण क्षेत्र में एल एंड टी लिमिटेड, रवातभाटा, चितौड़गढ़, राजस्थान, परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एनपीसीआईएल परमाणु ऊर्जा परियोजना, गोदरेज और बोयस मैनुफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड जबकि मध्यम और लघु उद्योग के लिए इलेक्ट्रिकल्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स ठाणे, महाराष्ट्र ने 2016 के लिए सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा पुरस्कार जीता है.
सुरक्षा अवॉर्ड के विजेताओं को बधाई देते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि विजेता संस्थानों में से किसी ने भी पिछले 3 साल में कोई बड़ा हादसा नहीं होने दिया. जबकि उनमें से 41 में तो एक भी हादसा नहीं हुआ. राष्ट्रीय खाद निगम पानीपत ने तो पिछले 11 साल और 5 महीने में 49.67 मिलियन दुर्घटना रहित घंटे की उपलब्धि हासिल की है.