निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के आर्थिक दोहन वो स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार के लिए पिछले दस दिनों से अपने पांच साथियों के साथ आमरण अनशन पर बैठी परवीन अमानुल्लाह ने अनशन तोड़ दिया है.
उन्होंने अनशन तोड़ने की घोषणा तब की जब सरकार के प्रतिनिधियों ने उनके मांग पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये.
परवीन ने एक दिसम्बर से अपना अनशन पटना के गर्दनीबाग स्थित धरणास्थल पर शुरू किया था.
उनका यह अनशन क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट 2013 को लागू करने तक जारी रहेगा. धरना में उनके साथ अनेक सहयोगी भी शामिल थे.इससे पहले परवीन अमानुल्लाह ने कहा कि निजी अस्पताल मरीजों और उनके परिजनों का अंधाधुंद आर्थिक दोहन करते हैं. निजी अस्पताल मरीजों की लूट, गैरजरूरी महंगी जांच और महींगी दवाइयां लिख कर उन्हें लूटते हैं.
उन्होंने कहा कि मरीजों को बिना जरूरत आईसीयू में रख कर हजारों रुपये ऐंठे जाते हैं. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की लूट को खत्म करने के लिए जरूरी है कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट 2013 लागू किया जाये.