नोटबंदी पर सुनवाई करते हुए देश के सर्वच्च न्यायालय ने देश भर में उपजे हालात को अतिगंभीर बताते हुए कहा है कि दंगा भड़क सकता है.
शुक्रवार को न्यायलय ने कहा कि सरकार को कहा गया था कि वह लोगों को सुविधायें बढ़ाये जबकि उसने 4500 रुपये एक्सचेंज की सीमा को घटा कर दो हजार रुपये कर दिया है.
चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि लोग रुपये के लिए बेकाबू हो रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि हालात कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस मामले पर देश भर की अदालतों में याचिका दायर की जा रही है. कोर्ट ने कहा कि लोग अदालतों में राहत की उम्मीद लिये पहुंच रहे हैं हम अपने दरवाजे कैसे बंद कर सकते हैं.
कृष्ण दास राजगोपाल ने द हिंदू की वेबसाइट पर अपनी रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से लिखा है कि यह एक गंभीर मामला है दंगा भड़क सकता है. लोग पैसों के लिए लाइन में खड़े हैं और बेकाबू हो रहे हैं.
उधर कोलकता हाई कोर्ट ने भी इस मामले में टिप्पणी की है. नोटबंदी पर कोलकाता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है और सरकार के इस निर्णय को बिना सोचा समझा फैसला करार दिया है. कोर्ट ने कहा, “केंद्र ने सही तरीके से सोच विचार कर ये फैसला नहीं लिया है.”
नोट बदलने को लेकर सरकार की तरफ हर रोज़ कुछ न कुछ बदले जा रहे नियम पर भी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि इससे साबित होता है कि सरकार ने बिना होमवर्क किए है ये बड़ा फैसला लिया है.
हाईकोर्ट ने जनता को आसानी से पैसा मुहैया नहीं कराने के लिए बैंक कर्मचारियों की भी आलोचना की है.
हाईकोर्ट ने कहा, “मैं सरकार के फैसले को बदल नहीं सकता, लेकिन बैंक कर्मचारियों की प्रतिबद्धता होनी चाहिए.”