उच्चतम न्यायालय ने रिलायंस जियो इंफोकॉम को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उसे 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटित किये जाने को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी। न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति आर भानुमति की खंडपीठ ने स्पेक्ट्रम आवंटन की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि आवंटन में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है।
वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने मुकेश अम्बानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम को 4जी लाइसेंस दिये जाने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लाइसेंस निरस्त करने और मामले की सीबीआई जांच के निर्देश देने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने इससे पहले सीपीआईएल की याचिका पर केंद्र सरकार, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता ने 4 जी स्पेक्ट्रम पर वॉयस सेवाएं उपलब्ध कराने की अनुमति देने के सरकार के फैसले को भी चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में 40 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किये जाने का आरोप लगाया था और इसकी अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।