उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक चंदे से संबंधित कानून में हालिया संशोधन को चुनौती देने वाली एक याचिका पर आज केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से जवाब तलब किया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने आयोग और केंद्र को नोटिस जारी करके पूछा है कि क्यों न राजनीतिक चंदे से संबंधित कुछ नियमों को रद्द कर दिया जाये?
न्यायालय ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की जनहित याचिका पर नोटिस जारी किये हैं। एडीआर ने अपनी याचिका में राजनीतिक चंदे से संबंधित उन नियमों को रद्द करने की मांग की है, जिनमें चुनावी बांड के जरिये पार्टियों को बिना नाम का खुलासा किये कितना भी चंदा दिया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने विदेशी कंपनी की किसी भी सहायक कंपनी से चंदा लेने के नियम को भी रद्द करने का अनुरोध किया है। एडीआर की ओर से जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने मामले की पैरवी की।