उच्चतम न्यायालय ने देशभर के स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए दायर याचिका पर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 19 जनवरी तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। हरियाणा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश ने शीर्ष अदालत के समक्ष आज अपना जवाब दाखिल किया। न्यायालय ने कहा कि यह एक गम्भीर मुद्दा है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है। न्यायालय इस मामले पर अगली सुनवाई 23 जनवरी को करेगा।
निजी स्कूलों की तरफ से शीर्ष अदालत में कहा गया कि उनके लिए तो दिशा-निर्देश हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों के लिए नहीं। पहले ही कई दिशा-निर्देश हैं। ऐसे में उनका हित प्रभावित होगा। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ ने कहा कि आपको जो कहना है 23 जनवरी को मामले की सुनवाई के दौरान कहें। पिछली सुनवाई के दौरान नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया और इंडिपेंडेंट स्कूल ऑफ़ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर इस मामले में पक्षकार बनाने की मांग की थी।
गत वर्ष चार दिसंबर को न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। शीर्ष अदालत ने रेयान स्कूल के मालिकों की मंजूर अग्रिम जमानत के खिलाफ मृत छात्र प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा था कि यह केवल रेयान स्कूल की चिंता नहीं है। प्रद्युम्न की मौत का देशभर के स्कूलों में असर होगा। ये सभी छात्रों की सुरक्षा का सवाल है।