उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का आज आदेश देते हुए राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले की सुनवाई तक ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत नए दाखिलों पर भी रोक रहेगी। गुजरात सरकार की ओर से लाये गये आरक्षण के अध्यादेश को गुजरात उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
गुजरात सरकार ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है और उस पर अंतरिम रोक लगाने की मांग करते हुए आरक्षण फिर से लागू करने की गुहार लगाई है। दरअसल, उच्च न्यायालय ने आर्थिक रूप से पिछड़ों को गुजरात सरकार के 10 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आरक्षण की अधिकतम सीमा से संबंधित आदेश को दरकिनार करके आरक्षण की व्यवस्था की है।
गौरतलब है कि गत एक मई को गुजरात सरकार ने अध्यादेश के जरिये सरकारी नौकरी और कॉलेज दाखिलों में आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को भी 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी, जिनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से कम है, लेकिन उच्च न्यायालय ने आर्थिक रूप से पिछड़ों को गुजरात सरकार के 10 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया था।