बिहार सरकार ने आज उच्च जातियों के लिए गठित राज्य आयोग (सवर्ण आयोग) को भंग कर उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग के गठन किये जाने का निर्णय लिया है।
कैबिनेट का फैसला, बनेगा सवर्णों के विकास के लिए नया आयोग
मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के तहत उच्च जातियों के लिए पहले से गठित राज्य आयोग पटना को भंग कर दिया गया है और अब उच्च जातियों के विकास के लिए नये राज्य आयोग के गठन की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के तहत इस वर्ष के एक जुलाई के प्रभाव से राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में नियोजित एवं कार्यरत 66,104 नगर शिक्षक, प्रखंड शिक्षक तथा पंचायत शिक्षकों के नीयत वेतनमान भुगतान के लिए कुल सात अरब 11 करोड़ 50 लाख 40 हजार रुपये के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गयी है।
श्री सिन्हा ने बताया कि इसी तरह वित्त रहित शिक्षा नीति की समाप्ति के बाद संबंद्धता प्राप्त डिग्री महाविद्यालयों को वित्तीय सहायता एवं अनुदान दिये जाने का भी निर्णय लिया गया हे। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में गैर योजना के अंतर्गत एक अरब नौ करोड़ 56 लाख 20 हजार रुपये सहायक अनुदान की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसके अलावा इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान शेखपुरा पटना को स्थापना व्यय के लिए गैर योजना से वित्तीय वर्ष 2015-16 में पचास करोड़ रुपये अनुदान की मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा कुछ अन्य निर्णय भी लिये गये है।
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