2009 के चुनाव में मुरादाबाद की चुनावी पिच पर जीत दर्ज करने वाले कांग्रेसी प्रत्याशी अजहरुद्दीन इस बार राजस्थान के टोक सवाई माधोपुर से मैदान में हैं और उन्हें मालूम हो चुका है कि यहां की लड़ाई चुनौतीपूर्ण है
रमेश सर्राफ धमोरा, राजस्थान से
राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2009 में पहली बार अस्तित्व में आयी थी। इससे पूर्व सवाईमाधोपुर व टोंक दो पृथक लोकसभा सीट हुआ करती थी।
इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व मुरादाबाद के मौजूदा सांसद अजहरूद्दीन को अपना प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा ने हरियाणा में गुडग़ांव के सोहना से निर्दलिय विधायक रहे सुखबीरसिंह जोनपुरिया को मैदान में उतारा है। राजपा से किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा में कार्यरत रहे अपने छोटे भाई जगमोहन मीणा को सरकारी सेवा से त्यागपत्र दिलवाकर प्रत्याशी बनाया है।
मशहूर क्रिकेटर अजहरूद्दीन के मैदान में आने से टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र का चुनाव इस बार काफी चर्चित चुनाव हो गया है। यहां अजहरूद्दीन अपनी फिल्म स्टार दूसरी पत्नी संगीता बिजलानी के साथ चुनाव प्रचार में लगे हैं व मुस्लिम मतो में अच्छी सेंध लगा रहें हैं।
अजहरुद्दीन भारतीय क्रिकेट के सफलतम कप्तानों में से एक रहे हैं.
भाजपा प्रत्यासी सुखबीर जोनपुरिया भी पूरे दमखम से मैदान में लगे हैं। जोनपुरिया की गिनती बड़े पैसे वाले के रूप में होती हैं। उन्होने पिछले लोकसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण सीट से निर्दलिय लड़ कर सवा लाख से अधिक वोट हासिल किये थे।
दोनों है बाहरी
टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर चुनाव लड़ रहे दोनो ही प्रमुख दलों के प्रत्याशी बाहरी है इस कारण उन्हे कई जगह विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
अजहरूद्दीन के पक्ष में प्रदेश कांग्रेसध्यक्ष सचिन पायलेट,पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी सभा कर चुके हैं वहीं सुखबीर जोनपुरिया को जीताने में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे पूरा जोर लगा रही है। इस क्षेत्र में मुस्लिम,गुर्जर,मीणा,अनुसूचित जाति के मतदाताओं की बहुलता है।
टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट के गठन होने पर 2009 में हुये पहले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्यासी व केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री नमोनारायण मीणा ने भाजपा के प्रत्यासी व लोकप्रिय गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला को मात्र 317 वोटो के अन्तर से हराया था।
इस सीट से जीते कैलाश मेघवाल व नमोनारायण मीणा केन्द्र सरकार में मंत्री रहें हैं। सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट पर कुल 14 बार हुये चुनाव में 7 बार कांग्रेस व 7 बार गैर कांग्रेसी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। यहां से 1957 में जगन्नाथ पहाडिय़ा जीते थे जो कई बार केन्द्र सरकार में मंत्री, राजस्थान के मुख्यमंत्री व वर्तमान में हरियाणा के राज्यपाल है।
पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला कांग्रेस के नमोनारायण मीना के मुकाबले महज 317 वोट से हार गए थे।
गत विधानसभा चुनाव के रूझान अगर इस बार भी कायम रहा तो इस बार इस सीट पर भाजपा को हराना कांग्रेस के लिए काफी कठिन होगा, लेकिन अगर वह ट्रेंड बदला तो भाजपा के लिए भी गंभीर चुनौती अजहरुद्दीन पेश कर सकते हैं.
भाजपा यहां किसी प्रकार की रिस्क नहीं लेना चाहती है इस लिये पार्टी ने अपने बहुत से प्रभावशाली नेताओं को इस क्षेत्र में प्रचार में लगा रखा है।