जदयू विधायक सुमित कुमार सिंह ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा है कि भाजपा जदयू पर विश्वासघात का आरोप लगाती रही है. लेकिन, सहयोगियों की पीठ में छूरा घोंपने में इस पार्टी का कोई जबाव नहीं है.
भाजपा ने पहले अपने सबसे पुराने गठबंधन सहयोगी शिवसेना से एन विधानसभा चुनाव के मौके पर गठजोड़ तोड़ दिया. फिर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में शिवसेना को हफ्तावसूल पार्टी करार दिया था. फिर, शिवसेना के एक बड़े नेता सुरेश प्रभु को सुबह में शिवसेना से इस्तीफा दिलवा पार्टी में शामिल करा, शाम में रेलमंत्री बना दिया.
अब, फिर बकौल प्रधानमंत्री उसी हफ्ता वसूल पार्टी से गठजोड़ कर सरकार बना लिया. यह तो जनता के साथ भी धोखा है. अभी, झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने साथ मंच पर मौजूद गठबंधन की पार्टी आजसू के प्रमुख सुदेश महतों को भ्रष्टाचारी बता दिया. बेचारे सुदेश महतों हतप्रभ रह गए.
अगर सुदेश भ्रष्ट हैं तो उनसे जानबूझकर गठबंधन बनाना जनता के साथ धोखा है.! अगर ऐसा नहीं है तो अपने ही सहयोगी को अपमानित करने में भाजपा का कोई जबाव नहीं है. ऐसे में भाजपा को कोई हक़ नहीं है कि वह दूसरे पर विश्वासघात का आरोप लगाए!