उच्चतम न्यायालय ने सासाराम से भारतीय जनता पार्टी के सांसद छेदी पासवान को आज राहत प्रदान करते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति पी सी पंत की पीठ ने श्री पासवान की सदस्यता रद्द करने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि वह इस बात का फैसला करेगी कि क्या राजनीतिज्ञों के लिए नामांकन पत्र भरते समय प्रत्येक अपराध की जानकारी देना अनिवार्य है या केवल जघन्य अपराधों की?
न्यायालय ने यह रोक श्री पासवान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए लगायी। सासाराम से भाजपा सांसद की सदस्यता को पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने निरस्त करने का आदेश दिया था। श्री पासवान ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को 2014 के आम चुनाव में हराया था। श्री पासवान पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के दौरान नामांकन पत्र के साथ जमा कराये गये शपथपत्र में अपने खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी।
न्यायालय ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के अंतिम फैसले तक पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक रहेगी। श्री पासवान तीसरी बार सासाराम से सांसद निर्वाचित हुए हैं। जनता दल के टिकट पर वह वर्ष 1989 एवं 1991 में सांसद बने थे। पिछले लोकसभा चुनाव के ठीक पहले वह जनता दल यू से भाजपा में शामिल हो गये थे और श्रीमती कुमार को हराकर तीसरी बार संसद पहुंचे थे ।