जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पुस्तक ‘जेल’ का लोकार्पण आज बापू सभागार में किया गया. कैदियों की यातना,प्रताड़ना और लेखक के खुद के अनुभवों का दस्तावेज इस पुस्तक का लोकार्पण कांग्रेस की सांसद रंजीत रंजन, सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश, पत्रकार दिलीप मंडल व अर्चना राजहंस मधुकर और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने संयुक्त रूप से किया गया.
नौकरशाही
लोकार्पण समारोह के मौके पर उन्होंने जेल में व्याप्त अराजकता में सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि पार्टी सरकार में आती है तो सामान्य और संगीन किस्म के अपराध के आरोपियों के लिए अलग-अलग जेल बनायी जाएगी. सबको समय पर न्याय मिले, यही प्राथमिकता होगी. सांसद रंजीत रंजन ने किताब में कैदियों की प्रताड़ना की चर्चा करते हुए कहा कि देश का कोई भी कानून जेल में अमानवीय व्यवहार का अधिकार नहीं देता है. इसके बावजूद जेलों में कैदियों के साथ दुर्व्यवहार और अमानवीय व्यवहार होता है. सांसद पप्पू यादव की चर्चा करते हुए रंजीत रंजन ने कहा कि वे अपनी निराशा से निकलकर आगे की ओर देखते रहे हैं. खुद से अधिक दूसरे की चिंता करते रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने सांसद पप्पू यादव के संघर्षों की चर्चा करते हुए कहा कि वे जन्मजात विद्रोही हैं. पुस्तक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक चुनौतियों से लड़ने की ताकत देती है. व्यवस्था बदलने की प्रेरणा देती है. श्री अग्निवेश ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर राज्यभर सरकार के संरक्षण में साप्रदायिक दंगे कराये गये. उन्होंने कहा कि सरकार प्रायोजित दंगा सुशासन है तो कुशासन किसे कहते हैं.
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने कहा कि देश में लोकतंत्र और लोकतांत्रित संस्थाएं खतरे में हैं. व्यवस्था से लोगों की उम्मीद टूटने लगी है. विश्वास उठने लगा है. उन्होंने कहा कि ‘जेल’ नामक इस पुस्तक में जेल के सामाजिक व राजनीतिक बनावट को समझने का प्रयास किया गया है. एक कैदी के सामाजिक और पारिवारिक जीवन के अंतर्द्वंद्व को भी आसानी से समझा जा सकता है. वरिष्ठ पत्रकार अर्चना राजहंस मधुकर ने कहा कि सामाजिक सच्चाईयों को समझने में यह पुस्तक मददगार होगी.
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्रदेश अध्यक्ष अखलाक अहमद किया, जबकि मंच का संचालन राष्ट्रीय महासचिव राघवेंद्र सिंह कुशवाहा ने किया. इस मौके पर अजय बुलगानीन, रघुपति प्रसाद सिंह, प्रेमचंद सिंह, राजेश रंजन पप्पू, एजाज अहमद, मंजयलाल राय, सुरेंद्र सिंह यादव, फजील अहमद, ललित शर्मा, अली अकबर परवेज, नागेंद्र सिंह त्यागी, अवधेश कुमार लालू, टीका खान, चक्रपाणि हिमांशु, गौतम आनंद आदि मौजूद थे.