बिहार विधानसभा में आज भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग का लाभ देने समेत अन्य मुद्दे को लेकर हंगामा किया। विधानसभा में शून्यकाल शुरु होते ही राष्ट्रीय जनता दल के भाई विरेन्द्र ने कल विधान परिषद परिसर में भाजपा के दो नेताओं के बीच कथित हाथापाई की मीडिया में आयी खबरों का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा का चाल-चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है । प्रतिपक्ष के नेता को इस पर सदन में वक्तव्य देना चाहिए । इसके बाद सत्तापक्ष के कई अन्य सदस्य अपनी सीट से ही भाजपा के खिलाफ नारे लगाने लगे ।
इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि सातवां वेतन आयोग की सिफारिशों को पूरे देश में लागू कर दिया गया है , लेकिन बिहार के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे गृह रक्षा वाहिनी (होमगार्ड) के जवानों , नियोजित शिक्षकों , वित्तरहित शिक्षकों , रसोइयों , आशा कार्यकर्ताओं , आंगनवाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं , जीविका कार्यकर्ता , साक्षरता प्रेरक और समन्वयकों तथा संविदाकर्मियों की मांगों का समर्थन किया और सरकार से सदन में वक्तव्य देने की मांग की।
इसके बाद भाजपा और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सदस्य सदन के बीच में आकर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे । सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदस्यों से शांत होकर अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन भाजपा और उसके सहयोगी दल पर कोई असर नहीं हुआ और वे नारे लगाते रहे । शोरगुल के बीच ही सभाध्यक्ष ने शून्यकाल और ध्यानाकर्षण को पूरा कराया । इसके बाद सभा की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी गयी ।