मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अंक गणित में ज्यादा विश्वास है। सात उनका प्रिय अंक है। यह पंसद स्वाभाविक है या ज्योतिषी का सुझाया हुआ, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। हो सकता है कि यह महज संयोग ही हो।
वीरेंद्र यादव
पिछले वर्ष सीएम पद से हटने के बाद वह एम दो, स्ट्रैंड रोड स्थित आवास में चले गए थे। लेकिन वहां जाने से पहले ये घोषणा कर चुके थे कि पूर्व सीएम के रूप में वह सात सर्कुलर रोड में रहेंगे। उस समय तत्कालीन मुख्य सचिव एके सिन्हा सात नंबर में रह रहे थे। श्री सिन्हा सेवानिवृत्त होने के तुरंत बाद मकान खाली करने में जुट गए और 15 दिनों के अंदर वह मकान सरकार को सौंप दिए। उनके खाली करने के कुछ दिन बाद मकान का जीर्णोद्धार हुआ और रक्षाबंधन के दिन नीतीश कुमार बोधिवृक्ष के पौधारोपण के साथ सात नंबर में गृहप्रवेश किए। फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद वह सीएम हाउस में जाने के बजाये सात नंबर को ही सीएम हाउस बना लिया। क्योंकि वह सात नंबर का मोह नहीं त्याग पा रहे थे।
कार भी सात नंबर की
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस कार की सवारी करते हैं, उसका नंबर भी 7 ही है। 7 नंबर की सवारी वह कब से कर रहे हैं, इसकी कोई पक्की तिथि मालूम नहीं हो सकी है। सात नंबर की सवारी संभवत: 7 सकुर्लर रोड में आने के निर्णय के बाद ही कर रहे होंगे। लगता है कि सात नंबर के लगाव से सत्ता की आस फिर से जगी और अब आस को तोड़ना नहीं चाहते हैं, इसलिए सात नंबर को छोड़ना नहीं चाहते हैं। नीतीश कुमार जिस हरनौत विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं, उस विधान सभा की क्रम संख्या का आखिरी अंक सात ही है यानी 177 ।
आसीपी सिंह का सात नंबर
नीतीश राज के अदृश्य ताकत माने जाने वाले आरसीपी सिंह जिस आवास में रहते हैं, उसका नंबर भी सात है। सात स्ट्रैंड रोड। यह विधान पार्षद संजय सिंह गांधी के नाम से आवंटित है, लेकिन इसमें रहते आरसीपी सिंह ही हैं। उसकी सुरक्षा भी सीएम हाउस जैसी ही है। कुल मिलाकर सरकार सात नंबर में रह रही है और सात नंबर पर दौड़ रही है। और सात नंबर से गाइड भी हो रही है। अब देखना यह है कि नीतीश कुमार का सात नंबर प्रेम उन्हें फिर सत्ता में वापस लाएगा या नहीं। फिलहाल नवम्बर तक तो सात नंबर का जलवा रहेगा ही।