औरंगाबाद जिला प्रशासन ने बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल और नाली-गली पक्कीकरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के आरोप में जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ),  प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, पंचायत सचिव और जनसेवकों के वेतन पर रोक लगा दी है।

जिला अधिकारी राहुल रंजन महिवाल की ओर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि हर घर नल का जल और नाली-गली पक्कीकरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के आरोप में उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, पंचायत सचिव और जनसेवकों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। श्री महिवाल ने कहा कि विकसित बिहार के सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल एवं राज्य के सभी बसावटों में गली-नाली का पक्कीकरण करते हुए बारहमासी संपर्कता प्रदान कर सर्वांगीण विकास की राह को प्रशस्त करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इस लक्ष्य को सामुदायिक सहभागिता से ग्राम पंचायत क्रियान्वित कराते हुए वर्ष 2019- 20 तक हासिल करना है। इन दोनों योजनाओं का क्रियान्वयन एवं उनकी निगरानी प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के लिए गठित प्रखंड परियोजना अनुश्रवण इकाई के सहयोग से किया जाना है।

जिला अधिकारी ने कहा कि विभाग के निर्देशों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 को शामिल कर प्रत्येक प्रखंड के कुल वार्डों की संख्या के 80 प्रतिशत वार्ड में दोनों योजनाओं का कार्य पूर्ण किया जाना है। पंचायती राज विभाग के पोर्टल पर अपलोड की जाने वाली साप्ताहिक प्रगति रिपोट्र की समीक्षा करने पर पता चलता है कि औरंगाबाद जिले के सभी प्रखंडों में हर घर नल का जल एवं सभी बसावटों में गली-नाली पक्कीकरण योजना की प्रगति काफी धीमी है। दोनों योजनाओं के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि इनके क्रियान्वयन में विशेष रुचि नहीं ली जा रही है। यह प्रखंड परियोजना अनुश्रवण इकाई के अध्यक्ष के दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन एवं निगरानी में बरती गई लापरवाही को दर्शाता है।

By Editor


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